January 23, 2015

मॉडर्न भी क्लासिक भी Continental GT

मोटरसाइकिलों का ये ऐसा सेगमेंट है जिससे बहुत से हिंदुस्तानी मोटरसाइकिल प्रेमी परिचित नहीं है। कैफ़े रेसर । कुछ सालों से एनफ़ील्ड अपनी इस मोटरसाइकिल को ऑटो एक्स्पो में पेश कर रही थी। लोगों में उत्सुकता तो थी लेकिन बहुत चुनिंदा बाइकप्रमियों में इस पर चर्चा देखने को मिल रही थी। लेकिन अब वक्त आ गया है कि इस नए तरीके की मोटरसाइकिल को नज़दीक से देखने का मौक़ा आ गया है। क्योंकि रॉयल एनफ़ील्ड ने अपनी कैफ़े रेसर बाइक कांटिनेंटल जीटी को लौंच कर दिया है। कंपनी का कहना है कि ये उसकी अब तक की सबसे हल्की, सबसे तेज़ और सबसे ताक़तवर बाइक है। क्लासिक स्पोर्ट्स बाइक कैटगरी में आने वाली कांटिनेंटल जीटी की दिल्ली में ऑन रोड क़ीमत 2 लाख 5 हज़ार रु रखी गई है। मुंबई में इसकी ऑन रोड क़ीमत 2 लाख 14 हज़ार रु रखी गई है। 
दरअसल 60 के दशक में बाइकप्रेमी अक़्सर वीकेंड पर छोटी रेस किया करते थे। जैसे अपने कॉफ़ी हाउस तक या एक से दूसरे कैफ़े तक। भले ही ये आम सड़कों पर या छोटी दूरी की रेस हों लेकिन सभी बाइकप्रेमी अपनी मोटरसाइकिलों को काफ़ी स्पोर्टी बनाते थे, वज़न कम रखते थे और बाइक को ज़्यादा से ज़्यादा तेज़ बनाने की कोशिश करते थे। तो रेस भी करे, अच्छी हैंडलिंग भी हो। अब इन्हें क्लासिक कह सकते हैं। तो उसी क्लासिक ट्रेंड को नए ज़माने के ग्राहकों के लिए तैयार किया गया है और नए ज़माने की इस क्लासिक बाइक की नई चैसी तैयार करने के लिए यूके की कंपनी से भी मदद ली है। इसमें लगा हुआ है सिंगल सिलिंडर 535 सीसी का इंजिन। कंपनी ने इसे ज़्यादा तेज़ बनाने के लिए बाइक की ईसीयू में तब्दीलियां की हैं। 
 हल्की, ताक़तवर और तेज़ होने के साथ कुछ और चीज़ेों होती थीं जो कैफ़े रेसर की पहचान होती थीं। वो थे इसके नीचे हैंडिलबार। जिससे स्पोर्ट्स बाइक की तरह बाइकर आगे झुककर राइड करते थे। टैंक थोड़ा छोटा होता था, सीट सपाट होती थी। आमतौर पर मोटरसाइकिलों के जो भी हिस्से ग़ैरज़रूरी हैं उन्हें हटा दिया जाता था। यही सब कुछ इस कांटिनेंटल जीटी में भी देखने को मिलेगा। 

No comments: